हासिल-ए-ग़ज़ल शेर

माना के मुश्त-ए-ख़ाक से बढ़कर नही हूँ मै
लेकिन हवा के रहम-ओ-करम पर नहीं हूँ मैं

Thursday, July 30, 2009

Saamne Hai Jo Use

Song: Saamne hai jo use
Artist: Jagjit Singh
Lyrics: Sudarshan Faakir

IMP NOTE: Click on the song in the player to start ---




सामने है जो उसे


सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिसको देखा ही नही उसको खुदा कहते हैं
जिंदगी को भी सिला कहते हैं कहनेवाले
जीनेवाले तो गुनाहों की सज़ा कहते हैं
(सिला -- Gift)

फासले उम्र के कुछ और बढा देती हैं
जाने क्यों लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं

चंद मासूम से पत्तो का लहू हैं "फाकिर "
जिसको महबूब के हाथों की हिना कहते हैं

Lyrics from : http://www.urdupoetry.com/faakir20.html

Enjoy,
Sushant

Friday, July 10, 2009


Here is a good one to start.

Song: Shola Hoon
Artist: Jagjit Singh
Lyrics: Muzaffar Warsi

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शोला हूँ

शोला हूँ भड़कने की गुजारिश नहीं करता
सच मूह से निकल जाता है कोशिश नहीं करता

गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ लेकिन
चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता
[parastish=worship]

माथे के पसीने की महक आये ना जिससे
वो खून मेरे जिस्म में गर्दिश नहीं करता

हमदर्दी - ए -अहबाब से डरता हूँ 'मुज़फ्फर'
मैं ज़ख्म तो रखता हूँ नुमाइश नहीं करता
[ahabaab=dear ones, friends (plural of habiib); numaaish=display, exhibit]
Lyrics from : http://www.urdupoetry.com/mwarsi08.html


Enjoy,
Sushant

PS: A request : Please do not download pirated music.